What Does Shodashi Mean?
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Inspiration and Empowerment: She is a symbol of power and courage for devotees, particularly in the context with the divine feminine.
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा
यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
Goddess Shodashi is often related to splendor, and chanting her mantra inspires internal elegance and self-acceptance. This advantage encourages individuals to embrace their genuine selves and cultivate self-assurance, aiding them radiate positivity and grace within their every day lives.
सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥
लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे
Devotees of Shodashi interact in many spiritual disciplines that aim to harmonize the brain and senses, aligning them Together with the divine consciousness. The subsequent factors define the progression in the direction of Moksha by means of devotion to Shodashi:
So, the Shodashi mantra is chanted to create a person a great deal more eye-catching and hypnotic in life. This mantra can change your daily life in times as this is a really impressive mantra. A single who may have mastered this mantra gets like God Indra in his lifetime.
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व read more पूर्ण माना जाता हैं।
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥
‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?
स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।